क्या गूगल से मिलने वाली सभी जानकारियां सही होती हैं?

 


क्या गूगल से मिलने वाली सभी जानकारियां सही होती हैं, आखिर किस वजह से ट्रोल हुए संबित पात्रा

सूचना प्रौद्यौगिकी के इस युग में आजकल लोगों में हर प्रकार की जानकारी हासिल करने के लिए गूगल के इस्तेमाल का चलन बढ़ गया है। इस प्रकार जो जानकारी हासिल होती है, उसे ठीक से जांच किए बगैर इस्तेमाल कर लिया जाता है। लेकिन इसमें कई खतरें हैं। गुगल के साथ कार्य करने वाली एजेंसी स्टोन टैंपल के आंकड़ों के अनुसार, गुगल से प्राप्त होने वाली कम से कम 2.6 फीसदी जानकारी गलत होती है। यह जानना इसलिए भी जरूरी हो गया है क्योंकि शनिवार को भाजपा प्रवक्ता संबित पाता को इसलिए  पर ट्रोल होना पड़ा क्योंकि उन्होंने खेल रत्न अवार्ड के चित्र की जगह सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र का मेडल लगाकर ट्वविट कर दिया।

 

दरअसल, गूगल पर खेल रत्न की इमेज सर्च करने में परमचक्र प्रदर्शित होता है, जिसके नीचे राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड लिखा है। एक वेबसाइट लेटेस्ट जीके जीएस पर यह गलत जानकारी उपलब्ध है। जिसे सर्च में गूगल द्वारा प्रदर्शित किया जा रहा है।

वाल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में यूनिवर्सिटी आफ नार्थ कैलिफोर्निया के प्रोफेसर जेयनप तुफेक्सी को उद्धत किया गया है कि सर्च की जो जानकारी प्राप्त होती है, उसे गूगल की कोई मंजूरी नहीं होती है। बल्कि गूगल सर्च इंजन के अलगोरिद्म के जरिये उसे एकत्र किया जाता है। जो भी जानकारी वेबसाइटों पर उपलब्ध होती है, उसे सर्च इंजन दिखाता है। इसमें एक से अधिक उत्तर होते हैं। यह भी हो सकता है कि उनमें जानकारी सही भी हो और गलत भी। लेकिन इस्तेमाल करने वाले को उसका अंतिम चयन करना होता है।

 

दूसरे, प्रश्न किस प्रकार से पूछा गया है, इससे भी जवाब पर असर पड़ता है। यदि कोई व्यक्ति यह पूछता है कि क्या दूध पीना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, तो उसका जो उत्तर होगा, उसमें यह बताया जाएगा कि किस प्रकार यह फायदेमंद है। यदि प्रश्न यह पूछा जाता कि क्या दूध पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, तो उत्तर में दूध पीने से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में होगा।

स्टोन टैंपल के अध्ययन के अनुसार गूगल से 5000 प्रश्नों के उत्तर पूछे गए जिनमें से 74.3 फीसदी के उत्तर मिले। इनमें से 97.4 फीसदी जवाब सही थे। 2.6 फीसदी गलत निकले। रिपोर्ट के अनुसार गुगल ने अपने अलगोरिद्म में कुछ बदलाव करने जा रहा है जिसे अपुष्ट स्रोत सर्च के नतीजे में नहीं दिखेंगे। लेकिन अपुष्ट स्रोत की पहचान आसान नहीं है।

एआई के इस्तेमाल से सही होंगे जवाब
गूगल के सर्च में खेल रत्न अवार्ड की जो तस्वीर आती है, वहीं परमवीर चक्र सर्च करने पर भी आती है। दो अलग-अलग चीजें सर्च करने पर एक तस्वीर का मिलना दर्शाता है कि सर्च इंजन में कृत्रिम बुद्धिमता का इस्तेमाल अभी और बढ़ाना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि एआई के इस्तेमाल से इस प्रकार के दोहराव को रोका जा सकता है।

सावधानी
विशेषज्ञों के अनुसार गूगल सर्च में जो जानकारी निकलती है, उसमें हमेशा स्रोत का ब्यौरा भी रहता है। इसलिए इस्तेमालकर्ता को इस स्रोत को महत्व देना चाहिए। दूसरे, हमेशा एक से अधिक उत्तरों की जांच करे।

RITU BHARDWAJ

Author & Editor

I am Ritu bhardwaj.This is my Website Entrepreneur India. It contain information about Entrepreneurship, Employability skill and Computer specific skill. Success is what everybody wants to achieve and all the successful people do not do different things,they do differently.we live in a information age ,where knowledge is power.In this information age ,not only success but even the survival is at the stack.if if one has to keep himself abreast of the current world, he has to invariably grasp the fundamentals of computer.

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